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हल्के लोग (कविता)

सुमित के तड़के - SUMIT KE TADKE
सुमित के तड़के - SUMIT KE TADKE
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हल्के लोग
करते हैं सदैव
हल्की ही बातें
और करते हैं
सबसे ये उम्मीद क़ि
उनकी हल्की बातों को
भारी माना जाए
इसके लिए देते हैं
वे बड़े-बड़े और
भारी-भारी तर्क
जब भी उन्हें
समझाया जाए
उनके हल्के
होने के बारे में
तो उतर आते हैं
वे अपने हल्केपन पर।


लेखक : सुमित प्रताप सिंह
sumitpratapsingh.com

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