Menu
blogid : 4238 postid : 1137005

व्यंग्य : एक पत्र आँसू गैंग के नाम

सुमित के तड़के - SUMIT KE TADKE
सुमित के तड़के - SUMIT KE TADKE
  • 196 Posts
  • 153 Comments

प्यारे आँसू गैंग

सादर दोगुलस्ते!

आशा है सकुशल होंगे और अपने-अपने बिलों में चैन से सो रहे होंगे। जानता हूँ बीते दिनों आप सबने कठिन परिश्रम करके अपना पसीना बहाया था सो थकान होना अवश्यम्भावी है। पाकिस्तानी गवैये के कार्यक्रम पर प्रतिबन्ध, मालदा दंगे, असहिष्णुता व आतंकी याकूब प्रेमी छात्र की आत्महत्या इत्यादि बहुतेरे मुद्दे थे जिनमें आप सब कुछ ज्यादा ही व्यस्त रहे। सो इतनी व्यस्तता और परिश्रम के पश्चात् आराम करना तो बनता है। पर आप तो स्वयं को न्याय के लिए आवाज बुलंद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं इसलिए मैंने सोचा कि आपकी निंद्रा में खलल डालने की कोशिश कर ही दूँ। शायद आपको पता चल गया हो कि हमारे एक कलाकार को पड़ोस के अति शांतिप्रिय देश ने अपने देश में आने के लिए वीसा देने से इंकार कर दिया है। अब ये और बात है कि उस अति शांतिप्रिय देश के शांति दूत आए दिन बिना वीसा के हमारे देश में शांति में वृद्धि करने में समय-समय पर अपना अतुलनीय योगदान देते रहते हैं। क्या कहा आपको ये समाचार मिल गया था? फिर आपकी आँखों में आँसुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज क्यों नहीं करवाई और न ही आपके मोमबत्ती गैंग व धरना विशेषज्ञ बंधुओं की इस समाचार पर मोमबत्ती मार्च और धरना दिए जाने की घोषणा करने की कोई खबर मिली। अच्छा तो ये बात है। आप असली वाले धर्मनिरपेक्ष प्राणी हैं जो सिर्फ और सिर्फ बहुसंख्यक हो चुके अल्पसंख्यकों और देश की ऐसी-तैसी करनेवाले सदपुरुषों के पक्ष में ही आवाज उठाते हैं और उस कलाकार ने उन अल्पसंख्यकों द्वारा खुद के बंधुओं पर हुए अत्याचार और कत्लेआम के विरोध में आवाज उठाने का घोर पाप किया है। ओहो मतलब आप भी विवश हैं। यदि आप ऐसे छोटे-मोटे मुद्दे पर विरोध का झंडा उठायेंगे तो अरब के तेलियों और यूरोप के मिशनरीज से आप सबके कटोरों में नियमित रूप से डाली जानेवाली भीख बंद हो जाएगी। सीधे-सादे शब्दों में कहें तो ये पापी पेट का मामला है। खैर छोडिए किसी के पेट पर लात मारना अपने स्वभाव में भी नहीं है। हम आपकी सहायता के बिना ही ये समस्या सुलझा लेंगे। आपकी नींद में खलल डाला इसके लिए माफ़ कीजिएगा। आप तब तक चैन से सोइए जब तक कोई देशद्रोही मुसीबत में न फँस जाए या फिर कोई शांतिप्रिय आतंकी देश में शांतिपूर्ण कार्य करते हुए 72 हूरों के लालच में अपनी पवित्र देह को त्याग न दे। तब तक हम राष्ट्रवादी राष्ट्रवाद की अलख जगाते हुए अपने और अपने बंधुओं के हृदय में सो चुके राष्ट्रप्रेम को जगाने का प्रयत्न करते हैं ताकि आनेवाले समय में आप सबकी नींद में कभी भी व्यवधान न पड़ सके।

आपके यूँ ही सोये रहने की आशा करता हुआ

आपके अनुसार असहिष्णु देश का वासी

एक असहिष्णु भारतीय।

लेखक : सुमित प्रताप सिंह

sumitpratapsingh.com

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh