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दादी अम्मा मोदी कायर नहीं हैं

सुमित के तड़के - SUMIT KE TADKE
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आपसे कुछ कहना है, पर सोच रहा हूँ कि आपको क्या कहकर संबोधित करूँ. बेटी जैसी कहने पर तो आपने इतना बवाल उठा दिया और खुद को देशभक्त राजीव गाँधी की बेटी कहलाना ही पसंद किया. सच कहूँ जब आपने चीख-चीखकर मोदी जी की बेटी जैसी होने से इंकार किया तो जैसे “बड़ा पेड़ गिरने से कभी धरती हिली थी”, वैसे ही ससुरा ये कलेजा भी हिलने लगा था और इसमें “बोफोर्स तोप” के गोले से छूटने लगे थे. कुछ पलों के लिए ऐसा लगा कि दंडवत होकर आपके पिता की तथाकथित देशभक्ति को नमन कर लूँ. वैसे अपनी उमर भी नहीं है आपको बेटी कहने की. आंटी कहने पर आप बदतमीज घोषित कर देंगी और यदि दीदी या बहन कहने का जोखिम उठाऊँ तो आपका तपाक से जवाब मिलेगा “मैं दीदी सिर्फ अपनी पार्टी के परंपरागत गुलामों की हूँ और बहन सिर्फ और सिर्फ राहुल गाँधी की हूँ.” इसलिए अपन ने फैसला ये किया है, कि आपको दादी अम्मा ही कहकर संबोधित करूँ, क्योंकि हमारे यहाँ बतोली लड़कियों को दादी अम्मा की उपाधि प्रदान की जाती है. अब आप ये मत कह देना, कि आप लड़की नहीं महिला हैं. अजी आप और आपके भ्राता श्री आपकी पार्टी और उसकी प्रमुख के लिए सदा से बच्चे रहे हैं और बच्चे ही रहेंगे.

अच्छा अब बात करते हैं “बेटी जैसी होने पर” तो आपको बता दूँ कि अपनी भारतीय संस्कृति ऐसी ही है यहाँ नारी को माँ और बेटी के समान ही समझा जाता है. शायद आपकी अम्मा के देश इटली में नारी को इतने आदरपूर्ण शब्दों से सुशोभित न किया जाता हो. आपकी पार्टी वाले भी काँग्रेस (आई) के आई को इंडिया की बजाय इटली ही समझने लगे हैं, तभी तो पश्चिमी सभ्यता के नशे में टुल्ल हो कभी किसी नारी तो टंच माल कहते हैं, कभी पुराना माल की उपमा देते हैं तो कभी सरेआम किसी काँग्रेसी नेत्री के गालों को चूम डालते हैं. बहरहाल अब गंदी आदतें इतनी जल्दी तो सुधरती नहीं इसलिए आगे बढ़ते हैं. ओसामा बिन लादेन को परम आदरणीय मानने वाले आपके चचा जान दिग्विजय सिंह, जिन्होंने पराई नार पर विजय प्राप्त कर किसी का बसा-बसाया घर तुड़वा दिया है, ने हाल ही में वक्तव्य दिया कि मोदी जी कायर हैं इसलिए उनकी तरह अपनी जीवनसंगिनी को स्वीकार नहीं कर पाए. तो अपने चचा जान तक ये खबर पहुँचा दीजियेगा, कि चचा पूरा भारत जान चुका है, कि आप कितने हिम्मती हैं? जब मीडिया में आप दोनों के लुच्चपने की तस्वीरें आम हो गईं तब कहीं आपने विवश होकर स्वीकार कि आप दोनों लुच्चे नहीं प्रेमी-प्रेमिका हैं. और रही बात मोदी के कायर होने की तो जो व्यक्ति आपके गाँधी परिवार की अघोषित बापौती “भारत देश” से आपके परिवार का बोरिया-बिस्तर बँधवाने को सीना ठोंककर आप सबके खड़ा हो गया हो, तो उससे हिम्मती भला कौन हो सकता है? इसलिए आपके लिए सुझाव केवल इतना सा है कि अपने बर्तन-भांडे जितने भी बाँध सकें बाँधकर सपरिवार इटली की हवाई टिकटें बुक करवा लें, क्योंकि आने वाले समय में आपको शुभचिंतक तो क्या शायद कोई अशुभचिंतक भी न मिले.

http://sumitpratapsingh.com/

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