- 196 Posts
- 153 Comments
इटावा, उ.प्र.- नगर में मोतीझील स्थित सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में बुधवार दिनाँक 26 फरवरी, 2014 को आयोजित कार्यक्रम के दौरान व्यंग्य विधा पर आधारित पुस्तक “व्यंग्यस्ते” का लोकार्पण किया गया। पुस्तक के लेखक दिल्ली एंथम, दामिनी एंथम व इटावा एंथम के रचयिता सुमित प्रताप सिंह हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. दिनेश पालीवाल ने कहा कि जो वक़्त से खबरदार नहीं है, वह चाहे कुछ भी हो रचनाकार नहीं। साथ ही कहा कि सोचना यह है कि वक़्त हमें लिखने के लिए मजबूर क्यों करता है। डा.शैलेन्द्र शर्मा ने कहा कि लेखक और शिक्षा देश की दशा और दिशा बदलने में सक्षम हैं और किताबों के जरिए इतिहास और विचारों को बदला जा सकता है। सदैव व्यक्ति को तकनीक के साथ चलना चाहिए। पुस्तकों के माध्यम से प्रचार-प्रसार का तरीका पुरातनकाल से अभी तक चला आ रहा है और इसकी उपादेयता एवं प्रासंगिता कम नहीं हुई है। विचारों को जनमानस में पहुंचाने के कार्य में पुस्तकें अत्यंत उपयोगी माध्यम हैं।
विद्यालय प्रबंधक श्रीकृष्ण वर्मा ने व्यंग्यस्ते पुस्तक के लेखक सुमित प्रताप की सराहना करते हुए कहा कि इटावा कवि ‘देव’ और ‘गंग’ की भूमि है और इस विधा को आगे बढ़ाने का जो कार्य इटावा में जन्मे सुमित प्रताप ने किया है, उससे लगता है कि इनके ऊपर माँ सरस्वती की कृपा है। उन्होंने आगे कहा कि भले ही बड़ी- बड़ी डिग्रियां मिल जायें, लेकिन मां सरस्वती का वरदहस्त सुमित जैसे लोगों को ही मिलता है। अध्यक्षता करते हुए श्रीकालीबाड़ी मंदिर के महंत शिवानंद ने कहा कि सुमित देश ही नहीं बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय फलक पर चमकें। साथ ही कहा कि इटावा ऐसी भूमि है इस पर किया गया हर कार्य सिद्ध और सफल होता है। सुमित प्रताप ने अपने विचार रखते हुए कहा कि व्यंग्यस्ते में पत्र शैली में कुल 42 व्यंग्य संकलित हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम में घोषणा की कि जब भी उनकी नई पुस्तक प्रकाशित होगी, तो वह उसका लोकार्पण इटावा में भी किया करेंगे।
इस लोकार्पण कार्यकम के दौरान डा. आशीष दीक्षित, आशीष वाजपेई, विवेक रंजन गुप्ता, आशुतोष त्रिवेदी, अवनीन्द्र जादौन, राजेश जादौन के अलावा विद्यालय परिवार की ओर से शिक्षकगण भी मौजूद रहे।
Read Comments