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एक पत्र प्याज लल्ला के नाम

सुमित के तड़के - SUMIT KE TADKE
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प्यारे प्याज लल्ला

सादर मंहगस्ते,

इतनी कड़ी ठण्ड में प्याज लल्ला तुमने महंगा होकर ऐसी आग लगाई कि हम भी तुम्हें पत्र लिखने को विवश हो ही गये| आखिर तुम इतने गुस्से में कैसे आ गए| क्या तुम भारत में कॉमन वैल्थ खेल, स्पेक्ट्रम व आदर्श आदि घोटालों के कारण नाराज़ हो गये या फिर इस बात पर क्रोधित हुए कि आम जन मानस ने इन घोटालों की चर्चाओं के बीच तुम्हें कम महत्व दिया| खैर जो भी हो किन्तु इससे नुकसान किसे पहुंचा आम आदमी को ही न| वो बेचारा तो महंगाई की चक्की में पहले से ही पिस रहा है और तुम भी उसकी परेशानियों में चार-चाँद लगाने निकल पड़े| दूध,दाल, पैट्रोल व डीजल के बढ़े दामों ने तो पहले ही उसकी कमर तोड़ दी है| अब बाकी रही-सही कसर तुम पूरी कर देना| तुम्हारे महत्व की बात है तो उसे कम आंकने का साहस भला कौन कर सकता है| सभी को भली-भांति मालूम है कि कुछ वर्षों पहले जब तुमने अपना महत्व दिखलाया था तो दिल्ली में भाजपा सरकार डूब गयी| दिल्ली की वर्तमान सरकार भी तुम्हारे खौफ से थर-थर काँप रही है| तुम्हे मंदा करने के लिए कभी अन्य राज्यों की मंडियों की ओर ताक रही है तो कभी पापी पकिस्तान की मंडियों की ओर| आम आदमी बेचारा तुम्हें खरीदने के लिए अनेक योजनाएं बनाता है और सिर्फ बनाता ही रहता है| आजकल त्यौहार के मौसम में मुर्गे व बकरे आदि आम आदमी की इस बेबसी को देखकर खुशी से उछल रहे हैं| ऐसा हो भी क्यों न तुम्हारा व मांस का नाता सदियों पुराना जो ठहरा| आजकल तुम्हारी शरारत में साथ देने के लिए तुम्हारा दोस्त टमाटर भी आगे आ गया है व महंगाई से लाल होने लगा है| यदि यूंही तुम मंहगे होते रहे तो आने वाला समय प्याजमय हो जायेगा| लोग दहेज में धन के बजाय तुमसे भरी बोरी लेना पसंद करेंगे| घूस में भी एक पेटी से तात्पर्य एक पेटी नोटों की नहीं एक पेटी प्याज लेना हो जायेगा| ख़बरों का भी अलग ही अंदाज़ हो जायेगा| जैसे कि सेठ फटीचर लाल के यहाँ से दिन दहाड़े एक बोरा प्याज लूट लिया गया और पुलिस बगल के ढाबे में अनजान खड़ी प्याज के पकोड़े खाती रही अथवा दो भाई प्याज के खेतों के बटवारे के लिए कोर्ट जा पहुँचे या फिर एक थैले प्याज के लिए एक दोस्त ने दूसरे दोस्त की जान ली| क्या पता फिर कोई राजा या राजकुमार आये और कर डाले कोई “प्याज घोटाला” व डकार जाये जनता के खून पसीने की कमाई सो प्याज लल्ला तुमसे विशेष प्रार्थना है कि अब तुम शांत हो जाये व हम सब पर थोड़ी कृपा बनाये रखो क्योंकि कई दिनों से तुम्हें कच्चा चबाने को हम सभी की लार टपक रही है| बाकी तुम्हारे शांत होने के पश्चात…

तुम्हारे स्वाद का दीवाना…

एक प्याज खाऊ भारतीय….

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